कंप्यूटर और मोबाइल ने आज जीवन कि शैली को बदलकर रख दिया है । आज बिना इन दोनों के जिन्दगी अधूरी सी लगती है । लेकिन ...
कंप्यूटर और मोबाइल ने आज जीवन कि शैली को बदलकर रख दिया है। आज बिना इन दोनों के जिन्दगी अधूरी सी लगती है । लेकिन हमारे देश में अभी भी ऐसे बहुत लोग है जो इन संसाधनों के उपयोग तो दूर सही से जीवन यापन भी नहीं कर पा रहे है।इसका कारण महंगाई तो है ही साथ ही साथ भारत के लोगो कि सोच भी कुछ हद तक उतरदायी है इसके लिए। इस समस्या को तो हम अपनी काम करने कि क्षमता को बढाकर ही दूर कर सकते है। वैसे ये एक बहुत ही सोसिअल विषय है । लेकिन मेरा विषय कंप्यूटर और मोबाइल से बदलती जीवन शैली का है । आज से १० साल पहले डाकिया चाचा जी हमारे घर हमसे मिलने वालो कि या हमारे रिश्तेदारों कि चिट्ठी लेकर आते थे । लेकिन अब तो डाकिया अंकल केवल मेरे एक्जाम का प्रवेश पत्र लेकर आते है और अगर न भी लाये तो वो भी नेट पर वेबसाइट से मिल जा जाता है। और रही बात खैर खबर कि तो वो तो मोबाइल से महीने या सप्ताह में में नहीं बल्कि रोज दिन में दो तीन बार हो ही जाती है। तो इन सब कि बात तो रहने दो।
सोचो कैसा होगा कि अगर हमारे देश में हर स्कूली बच्चे से लेकर हर कर्मचारी पर अगर एक लैपटॉप हो । लेकिन आप कहेंगे कि ऐसा नही हो सकता । एक बात बताओ जब आज के समय में हर कॉलेज का हर स्टुडेंट एक मोबाइल फ़ोन रख सकता है तो लैपटॉप या कंप्यूटर क्यों नहीं । लेकिन अब आप कहेंगे कि मोबाइल लैपटॉप से सस्ता आता है । जी हां आप सही कहा रहे है पर अब विश्व का सबसे सस्ता कंप्यूटर भी बन गया है जो कि आने वाले दो या तीन सालो में केवल १५०० रूपये में मिलने लगेगा। बंगलौर के भारत विज्ञान अनुसंधान केंद्र और भारत के प्रमुख आई. आई .टी के वैज्ञ्यानिको ने मिलकर ये कर दिखाया है उन्होने आई पैड जैसा तौच स्क्रीन वाला एक कंप्यूटर बनाया है जो कि लाएनाक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पर कार्य करेगा। इस कंप्यूटर पर वर्ड प्रोसस्सिंग से लेकर तक वीडिओ कोंफेरेंसिंग तक सभी काम आसानी से किये जा सकेंगे। इसमें २ जी.बी तक मेमोरी इन्बिल्ड होगी जिसे ३० जी.बी तक जा सकता है । अभी हाल ही में केंद्रीय मानव संशाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल जी ने इस कंप्यूटर का अनावरण किया। मात्र १५०० रुपे कि लगत का ये कंप्यूटर भारत के ११ करोड़ स्कूली बच्चो को ५० परसेंट सब्सीडी के साथ २०११ से और उसके बाद उच्च शिक्षा संस्थानों में उपलब्ध कराया जा सकेगा. उनका कहना है की बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन होने पर इसकी कीमत को ५००रूपये तक पहुचाया जा सकेगा. अब देखना ये है की भारत सरकार की ये योजना क्या रंग लाती है ? क्या “One Laptop Per Child” वाला सपना पूरा हो पायेगा. ?
कंप्यूटर के फादर “Charles Babbage” जी को भी अपनी इस खोज पर स्वर्ग में भी अपने आप पर गर्व महसूस होता होगा की उनकी खोज ने आज हमारे कामो को कितना सरल कर । धन्यवाद Charles Babbage जी !
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