दोस्तों जैविक खेती के भाग एक में हमने बाते कि थी कुछ जरूरी चीजो कि जो जैविक खेती के लिए आवश्यक है , जैसे कि भूमि प्रबंधन ,जल प्रबंधन ,खा...
दोस्तों जैविक खेती के भाग एक में हमने बाते कि थी कुछ जरूरी चीजो कि जो जैविक खेती के लिए आवश्यक है , जैसे कि भूमि प्रबंधन ,जल प्रबंधन ,खाद ,कीट नियंत्रण ,खरपतवार नियंत्रण कटाई , गहाई और भंडार।
जैविक खेती के इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए हम जैविक खेती के इस भाग में जानेंगे जैविक पद्धति के प्रमुख सिद्धांत और पौ सुरक्षा की जैविक विधियों के बारे में। जैविक पढ़ती फसल चक्र , फसल अवशेष , हरी खाद , कार्बनिक खाद , गोबर खाद , यांत्रिक खेती और जैविक कीटनाशको के उपयोग पर निर्भर करती है। जिनमे भूमि कि उत्पादकता और उर्वरता लम्बे समय तक बानी रहती है और साथ ही साथ इसमें खाद्य पदार्थ विषरहित रखकर अधिक सुपाच्य , स्वादिष्ट और गणकारी होते हैं।
जैविक पद्धति के प्रमुख सिद्धांत - जैविक खेती के प्रमुख सिद्दांत हैं ,खेती के लिए प्राकृतिक संसाधनो का उपयोग , भूमि का आवश्यक और जीवंत उपयोग , प्राकृतिक समझ बूझ पर आधारित कृषि क्रियाए,जैविक प्रणाली पर आधरित फसल सुरक्षा एवं पोषण , भूमि में टिकाऊ उर्वरता , उचित पोषित खाद्य उत्पादन एवं पर्यावरणीय मित्रवत तकनीको का प्रयोग।
फसल सुरक्षा हेतु जैविक विधियां :- जैविक खेती में फसल कि सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है। जैविक खेती में फसल की सुरक्षा के लिए अनेक विधियों का उपयोग किया जाता है। इस पोस्ट में यहाँ हम पढ़ेंगे फसल सुरक्षा के कुछ मूल बिंदड़ो के बारे में जो इस प्रकार हैं -
- फसल चक्र का उपयोग करके कीटो , रोगो का शस्य क्रिया दवरा नियंत्रण।
- फसल अवशेषों को नष्ट करना ताकि पिछले फसल के कीट और रोगो के करक भी नष्ट हो जाए।
- सही समय पर निराई गुड़ाई , रोगग्रष्त पौधों कि कटाई चटाई और खेत के आस पास की सफाई जिसमे रोग कीटो के वैकल्पिक पौधे नष्ट हो जाए गर्मी में गहरी जुताई करके कीटो एवं रोगो के कारको को गर्मी से नष्ट करना।
- उपयुक्त एवं स्वस्थ बीज का चुनाव।
- कीटभक्षी पक्षीयो के लिए डंडा लगाना।
जैविक खेती के अगले भाग में हम पढ़ेंगे , फ़सल सुरक्षा के लिए जैविक खेती में प्रयोग होने वाले कुछ उत्पादों क बारे में।
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