बढ़ते हुए वायु प्रदुषण ने आज मनुष्य को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है कि मनुष्य को जीने के लिए सांस लेने के लिए भी अब स्वच्छ ह...
बढ़ते हुए वायु प्रदुषण ने आज मनुष्य को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है कि मनुष्य को जीने के लिए सांस लेने के लिए भी अब स्वच्छ हवा की बोतलों को खरीदना पड रहा है। जी हाँ हाल ही में चीन में जिस तरह से बढ़ते वायु प्रदुषण की समस्या पर अमल करते हुए पिछले दिनों चीन की राजधानी बेजिंग में अलर्ट जारी किया गया , उसको ध्यान में रखते हुए वहा के लोगो ने अब सांस लेने के लिए पहाड़ो की स्वछ हवा से भरी बोतले को खरीदना शुरू कर दिया है।
अब तक पानी के लिए कहा जाता था कि पानी भी इंसान को बोतल में खरीदकर पीना पड़ता है , लेकिन अब तो नौबत यहाँ तक आ पहुंची है कि दूषित हवा से बचने के लिए सांस लेने के लिए भी स्वच्छ हवा की बोतलों का सहारा मानव को लेना पड़ रहा है। बेजिंग में बढ़ते वायु प्रदुषण को ध्यान में रखते हुए चीन की सरकार ने पिछले दिनों वहा शहर के सभी स्कूलों को बंद करने एवं साथ ही साथ शहर में इमारतों के निर्माण पर भी कुछ दिनों रोक लगाने का फैसला लिया है।
चीन में बढ़ते वायु प्रदुषण की समस्या को देखते हुए कनाडा की एक कम्पनी ने पहाड़ो की स्वच्छ हवा की बोतलों को चीन में वायु प्रदुषण की समस्या को झेल रहे प्रमुख शहरो में बेचना शुरू कर दिया है। कंपनी ने एक Vitality Air की बोतल की कीमत 27.99 डॉलर रखी है। चीन के शहर संघाई में वहा के वायुमंडल में पिछले साल जनवरी से ही धुएं की काफी बढ़ोतरी हुयी है। ऐसे में वहा लोगो ने इस बोतल को खरीदना शुरू कर दिया है। जिसको बेजिंग एवं संघाई शहर के लोगो ने चीन में ऑनलाइन शॉपिंग के लिए प्रयोग होने वाली वेबसाइट Taobao पर ऑनलाइन मांगना शुरू कर दिया है। अब तक वहा ऐसी 500 बोतल बेचीं जा चुकी हैं और 700 बोतल का ऑनलाइन आर्डर और भेजा जा चूका है।
वर्तमान में चीन ही नहीं बल्कि विश्व के अधिकतर देश वायु प्रदुषण कि समस्या से झूझ रहे हैं। जिसमे हमारे देश भारत का नाम भी टॉप लिस्ट में है। दिल्ली में वायु प्रदुषण कि समस्या से निपटने के लिए जो कदम हाल ही में दिल्ली सरकार और सुप्रीम कोर्ट द्वारा उठाये गए हैं ,उनके बारे में तो आप जान ही चुके हैं। ऐसे में सवाल यह है की अगर वायु प्रदुषण इस कदर ही बढ़ता रहा तो क्या भारत में भी लोगो को इस प्रकार की बोतल का सहारा लेना पड़ेगा ? अगर ऐसा हुआ तो यह धीरे धीरे पानी कि बोतलों कि तरह मानव जीवन यापन में एक चलन बन जाएगा।
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